Sunday, March 14, 2021
हाथों को हाथों में लेकर,रात रात भर वो बतियाना |
हाथों को हाथों में लेकर,
रात रात भर वो बतियाना |
ठंडी उजियारी रातों में,
चांद को प्यार के गीत सुनाना l
याद तुम्हें भी आती होगी,
मेरे हाथों की वो रेखा |
आंखों का वो मिलन सुहाना,
जब मन था तुमको देखा l
कवि शिव इलाहाबादी
मोबाइल 73998 32804
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